जयपुर। भारत में बनी हुंडई i20 हैचबैक जो कि साउथ अफ्रीका के मार्केट में एक्सपोर्ट की जाती है, उसको हाल में ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Global NCAP) द्वारा आयोजित क्रैश टेस्ट में 3 स्टार की रेटिंग मिली है। हुंडई i20 के अन्य कुछ मॉडल के साथ का दुर्घटनाग्रस्तता का अफ्रीकी ग्लोबल NCAP सुरक्षित कारों का टेस्ट किया गया। सुरक्षा निगरानीकर्ता ने केवल एंट्री लेवल पर केवल हुंडई i20 को चुना, जिसे 64 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर टेस्ट किया गया था।
इससे पहले हुंडई i20 ने व्यस्क ऑक्युपेंट सेफ्टी में 3 स्टार का स्कोर बनाया था, जबकि चाइल्ड ऑक्युपेंट सेफ्टी में केवल 2 स्टार अर्जित किए। लेकिन ग्लोबल NCAP की रिपॉर्ट में यह भी कहा गया कि वाहन संरचना को अस्थिर फुटवाल एरिया पर रेट किया गया था। इस क्रैश टेस्ट रिपोर्ट से पता चलता है कि ड्राइवर और आगे की सवारी दोनों के सिर और बाएं पैर को अच्छी सुरक्षा दी गई है। इसमें ड्राइवर के चेस्ट, जांघों और पैरों को केवल मामूली सुरक्षा दी गई और दोनों ओर की समाने वाली सवारी की छाती और दाहिने पैर को पर्याप्त सुरक्षा और उसकी बाईं जांघ को मामूली सुरक्षा दी गई थी।
भारत में निर्मित हुंडई i20 को ग्लोबल NCAP ने ड्राइवर और फ्रंट पैसेंजर के एयरबैग स्टैंडर्ड, दोनों आगे के यात्रियों के लिए सीटबेल्ट प्री-टेंशनर्स और ड्राइवर के लिए सीटबेल्ट रिमांडर के साथ टेस्ट किया गया। i20 ने चाइल्ड ऑक्युपेंट सुरक्षा के लिए 2 स्टार की रेटिंग मिली, रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें 3 वर्ष की डमी और ISOFIX एंकरेज की कमी लिमिडेट सुरक्षा का कारण था।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि i20 की संरचना इंटीग्रिटी यूरोपीयन मॉडल से अलग है और दक्षिण अफ्रीका में बेची जाने वाली कार में इलेक्ट्रोनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), साइड बॉडी एयरबैग और साइड कर्टन एयरबैग की कमी है, जबकि स्टैंडर्ड यूरोपीयन स्पेक की i20 का है।
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