जयपुर। नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने एक ऐसी कार का प्रोटोटाइप तैयार किया है, जो बेहद ही हल्की है। जिसका चेसिस फ्लैक्स फाइबर और शुगर से तैयार किया गया है। वह एक बार फुल चार्ज होने के बाद करीब 240 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। इसमें 2 व्यक्तियों के ही बैठने की जगह है। या यूं कहे इसमें केवल दो ही व्यक्ति बैठ सकते हैं। इसका नाम है नाओह (Naoh) है।
यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने इस कार का चेसिस और इंटीरियर एेसे पैनल से बनाया है जो बायोप्लास्ट और फ्लैक्स फाइबर के बनाया गया हैं। इसकी बॉडी को फ्लैक्स मैट्स के बनाया है जो बायोबेस्ट रेजिन्स से युक्त है। इन सबके कारण इस कार का वजह बहुत ही कम है। इसका प्रमुख कारण इसमें बायोलॉजिकल और बेहद हल्के मटीरियल्स का इस्तेमाल करना है। इस इलेक्ट्रिक कार का वजन करीब 420 किलोग्राम है, यदि इसकी बैटरी को अलग कर दिया जाए तो इसका वजन मात्र 360 किलो रह जाएगा।
इस कार की अधिकतम रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। स्टूडेंट्स के मुताबिक, एक बार चार्ज होने पर 240 किमी की दूरी आसानी से तय कर सकती है। यदि इस कार को चलाने का खर्च देखते हैं तो यह कार 300 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक लीटर पेट्रोल के मूल्य का खर्चा करती है। यानी इसका माइलेज होगा 300 किलोमीटर प्रति लीटर। इसको सीधे शब्दों में कहे तो इसका खर्च है एक लीटर पेट्रोल प्रति 300 किलोमीटर। इस लिहाज से यह कार काफी किफायती है। या इस कार को चलाने का खर्च न्यूनतम है।
यूनीवर्सिटी के स्टूडेंट ने इस तरह से तैयार किया है कि जब इस कार को नष्ट किया जाएगा तो इसके ज्यादातर पुर्जें रिसाइकिल किए जा सकेंगे। इस कार के गेट को किसी भी मोबाइल डिवाइस से खोला जा सकता है। हालांकि, इसको बनाने वाले स्टूडेंट का इस कार को बाजार में लाने का कोई इरादा नहीं है। उनका मकसद इस कार के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है।
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