जयपुर। जैसे जैसे पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है, कंपनियों का रुझान इलेक्ट्रिक मार्केट की तरह होता जा रहा है। और होना भी चाहिए, क्योंकि एक तरफ पेट्रोल डीजल के वाहनों से काफी प्रदुषण फैलता है। वहीं, दूसरी ईंधन के संसाधन भी घटते जा रहे हैं।
हालांकि, इलेक्ट्रिक कारें ईंधन वाहनों से काफी महंगी होती है, लेकिन उनका एक फायदा यह भी है कि उनमें बार-बार ईंधन का डलाने वाले खर्च से निजात मिल जाती है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए वाहन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस करने लगी है।
दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी हुंडई अगले साल यानी 2019 में भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी लाने की योजना बना रही है। कंपनी यह कारें भारत में ही बनाएगी। हुंडई कंपनी विगत 20 सालों में भारत में करीब 8 मिलियन से अधिक कारें बेच चुकी है। अब कंपनी की आने वाले (2018-2020) सालों में आठ नए प्रोडक्ट लाने की योजना पर काम कर रही है।
इसके साथ ही कंपनी अगले वर्ष से अपनी वार्षिक पोडक्शन क्षमता को बढ़ाकर 7.5 लाख इकाइयां करना चाहती है। फिलहाल कंपनी की क्षमता 7 लाख यूनिट की है।
हंडई मोटर्स इंडिया (एचएमआई) के मार्केटिंग डायरेक्टर और सीईओ वाई के कू ने बताया कि कंपनी 2020 तक भारत में 8 नए प्रोडक्ट लेकर आ रही है, जिसके एक इलेक्ट्रिक एसयूवी भी शामिल है। जिसको अगले साल लॉन्च किया जा सकती है। यह एसयूवी शुरुआत में पूरी तरह से इम्पोर्ट होगी। बाद में यदि इसको यहां पर अच्छा िरपॉन्स मिलता है और सरकार से प्रोत्साहन मिलती है तो इसके प्रोडक्शन में तेजी लाई जाएगी। और आगे हम चैन्नई प्लांट में इलेक्ट्रिक कारें बनाना चाहते हैं।
शुरुआत में कंपनी इस एसयूवी को भारत के 15 शहरों में लॉन्च करेगी। इसकी कीमत और यूनिट्स के बारे में अभी फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। कंपनी चाहती है कि सरकार इसकी इम्पोर्ट ड्यूटी पर रियायत दें। कंपनी की मानना है कि वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनोें पर जीएसटी की रेट 12 प्रतिशत है जिसको 5 प्रतिशत तक किया जाना चाहिए और FAME स्कीम को पर्सनल इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी बरकरार रखना चाहिए।
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