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दुनिया का सबसे जटिल टैक्स सिस्टम है भारत का जीएसटी





एक रिपोर्ट के मुताबिक वस्तु और सेवाकर सबसे जटिल है। विश्व बैंक ने भी जीएसटी को सबसे मुश्किल बताया है। इंडिया डवलपमेंट अपडेट की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 115 देशों ने जीएसटी को अपनाया हुआ है, लेकिन भारत की टेक्स रेट दूसरी सबसे ज्यादा है।

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किया था और इसमें 5 स्बैब बनाए गए थे... (0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत)। इसकी रिपोर्ट 14 मार्च को जारी की गई है।


शराब, पेट्रोलियम उत्पाद और रियल एस्टेट पर स्टाम्प ड्यूटी और बिजली के बिल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

आपको बता दें कि जीएसटी भारत ही नहीं दुनिया के 115 देशों में लागू है। इनमें से 49 देशों में 1 स्लैब और 28 देशों में 2 स्लैब की व्यवस्था दी गई है। भारत के साथ केवल 5 ही ऐसे देश है जहां पर 5 स्लैब की व्यवस्था है। इसमें भारत, इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के 12 और 18 प्रतिशत बाले स्लैब को एक करने की बात तो की थी, लेकिन साथ ही कहा कि यह व्यवस्था टैक्स जमा करने में सुधार और राजस्व में वृद्धि के बाद ही यह कदम उठाया जाएगा। बीते वर्ष नवंबर में जीएसटी की काउंसलिग की बैठक में 28 प्रतिशत वाले स्लैम को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जहां पहले इ
स स्लैम में 228 वस्तुएं और सेवाएं थी, जिनकों 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया।

विश्व बैंक ने जीएसटी के बाद टैक्स रिफंड की धीमी रफ्तार पर भी जताई है। रिपोर्ट के अनुसार इसका सीधा असर कैपिटल की उपलब्धता पर पड़ता है। इस रिपोर्ट के टैक्स प्रणाली के प्रावधानों को अमल में लाने पर होने वाले खर्च को लेकर भी सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय अनुभवों के आधार पर भविष्य में इसमें सुधार आने की उम्मीद जताई है।

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